THE BASIC PRINCIPLES OF SIDH KUNJIKA

The Basic Principles Of sidh kunjika

The Basic Principles Of sidh kunjika

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People who examine Devi Mahatmya without the need of this prayer of Kunjika won't reach the forest of perfection as they're going to weep by itself without having one to shield or safeguard them.  

इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे। अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

Oh Parvathi, you choose how finest to maintain it a secret As just by chanting this prayer on Kunjika, we can manifest death, or attraction or make individuals slaves and even make check here factors motionless

नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।

इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.

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